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vikram 32bit processor

हाल ही में सेमीकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन में, भारत ने अपनी तकनीकी ताकत का एक और शानदार उदाहरण पेश किया है: पूरी तरह से स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर, विक्रम-32। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट की गई यह चिप भारत के लिए सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की दिशा में एक बड़ा कदम है।
विक्रम-32 प्रोसेसर, जिसका आधिकारिक नाम VIKRAM3201 है, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला (SCL), चंडीगढ़ द्वारा डिज़ाइन और निर्मित किया गया है। इसका नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम साराभाई के सम्मान में रखा गया है। यह नया चिप 16-बिट VIKRAM1601 का एक उन्नत संस्करण है, जिसका उपयोग 2009 से इसरो के रॉकेटों में होता आ रहा है।
अंतरिक्ष के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन
विक्रम-32 की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे अंतरिक्ष के कठोर और चरम वातावरण का सामना करने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। आम प्रोसेसर के विपरीत, जो सामान्य वातावरण के लिए बने होते हैं, विक्रम-32 की विशेषताएं इसे अंतरिक्ष मिशनों के लिए आदर्श बनाती हैं:

अंतरिक्ष से परे उपयोग
विक्रम-32 का प्राथमिक उद्देश्य अंतरिक्ष मिशनों को शक्ति प्रदान करना है, लेकिन इसकी विश्वसनीयता और मजबूती के कारण इसका उपयोग अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी किया जा सकता है, जैसे:

आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम
विक्रम-32 की सफलता भारत के लिए सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मील का पत्थर है। यह चिप भारत को विदेशी प्रोसेसर पर निर्भरता कम करने में मदद करेगी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश की स्थिति को और मजबूत करेगी। विक्रम-32 सिर्फ एक चिप नहीं, बल्कि भारत के बढ़ते तकनीकी कौशल और वैश्विक मंच पर एक प्रमुख शक्ति बनने की महत्वाकांक्षा का प्रतीक है।
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